बिहार के 11 जिलो के लगभग 12 लाख 80 हज़ार लोग बाढ से प्रभावित
सुनील मिश्रा नई दिल्ली : बिहार की मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही हैं बिहार के 11 जिलों के लगभग 13 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राज्य में 442 सामुदायिक किचेन चल रहे हैं, जिनमें एक लाख 75 हजार लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने यह जानकारी दी। वहीं उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश का दौर रविवार को थमने के बावजूद चंपारण और मिथिलांचल में बाढ़ से तबाही मची हुई है। मुजफ्फरपुर के आसपास के इलाके में भी संकट बरकरार है। पूवी चंपारण में तेतरिया के लहलादपुर में गंडक नदी का बांध टूट गया। दरभंगा के केवटी में डुमरी गुठली बांध करीब दस फीट में टूट गया। पिछले एक हफ्ते टूटे बांधों की अभी मुकम्मल मरम्मत नहीं हो सकी है। ऐसे में जलदबाव बढ़ने पर इन बांधों के आगे के भी हिस्से में टूट की आशंका बनी हुई है। दूसरी तरफ घरों में बाढ़ का पानी घुसने से हजारों पीड़ित एनएच, बांध और अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं।
गंडक में कटाव तेज होने से मुजफ्फरपुर के मीनापुर में बीस से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मुजफ्फरपुर-शिवहर एसएच पर भी पानी चढ़ गया है आवागमन प्रभावित है। शहर के अहियापुर, शहबाजपुर, चंदवारा समेत कई निचले इलाकों में पानी घुसा हुआ है। औराई, कटरा, गायघाट, पारू, साहेबगंज आदि बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
दरभंगा जिले मे केवटी में डुमरी गुठली बांध करीब दस फीट में टूट गया। इससे दिघियार,लालगंज तथा पैगम्बरपुर पंचायत के कई गांवों में पानी फैल रहा है। दरभंगा-जयनगर एनएच और दरभंगा-समस्तीपुर सड़क पर अब भी पानी चढ़ा है। बाढ़ प्रभावित कई इलाके में दूसरे दिन भी वायुसेना के हेलीकॉप्टर से सूखे भोजन के पैकेटे गिराये गये। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बागमती नदी हायाघाट में 14 सेंटीमीटर बढ़कर खतरे के निशान से 1.72 मीटर ऊपर बह रही है। अधवारा नदी कमतौल में खतरे के निशान से 1.74 मीटर ऊपर है। यहां नदी खतरे के निशान से 1.64 मीटर ऊपर है। सीतामढ़ी में बागमती सहित अधवारा समूह की नदियां लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। डायवर्सन बहने से बेलसंड-शिवहर-मोतिहारी-मुजफ्फरपुर मार्ग बाधित हो गया है। जलस्तर घटने के बाद भी नदियों की मार से चंपारण में गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती के साथ साथ दर्जन भर पहाड़ी नदियों की मार से बाढ़ का संकट नहीं घट रहा।
मोतिहारी के तेतरिया के लहलादपुर में गंडक का बांध टूटने से लहलादपुर पंचायत के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। तेज बहाव के कारण डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के सरोत्तर से बझिया मननपुर गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पुरैना गांव के समीप बना पुल ध्वस्त हो गया। पुल टूटने से कई गांव का संपर्क भंग हो गया है। तुरकौलिया की सपही पंचायत के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पश्चिम चंपारण में कुछ जगहों पर सिकरहना और गंडक में जलस्तर में कमी आने लगा है। वहीं लौरिया-नरकाटियागंज, बेतिया-नरकटियागंज, बेतिया-सिकटा-मैनाटांड़ पथ पर पांच-सात दिनों से आवागमन ठप है। लौरिया-चनपटिया और माझौलिया में दर्जनों घरों में अब भी पानी लगा है। हालांकि वाल्मीकिनगर बराज से रविवार को 1,59,800 क्यूसेक ही पानी छोड़ा गया है। इससे थोड़ी राहत रही।