एनसीआर में स्थित सभी बिल्डिंगों में मौजूद पुराने अपार्टमेंट्स एवं घरों के लिए नियमित भूकंप तत्परता ड्रिल होनी चाहिए : सीड्स




नई दिल्ली : दिल्ली में 26 जुलाई 1720 को आये भयंकर भूकंप की 300 वीं वर्षगांठ पर विशेषज्ञों ने कहा है कि 1720 में आये भयंकर भूकंप ने जान-माल की बहुत बड़ी क्षति हुई थी व घटना से हताहत सभी लोगों एवं उनके परिवारों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि के लिए हम कम से कम खुद की तैयारी को मजबूत कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स ने कहा कि एनसीआर में जो पुरानी इमारतों में सभी उच्च-वृद्धि वाले अपार्टमेंट एवं घर, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां जमीन ज्यादातर नरम मिट्टी की है, उन्हें नियमित रूप से भूकंप की मॉक ड्रिल रखने के लिए अनिवार्य करना चाहिए। 
गैर-लाभकारी संगठन SEEDS के सह-संस्थापक, अंशु शर्मा ने दिल्ली भूकंप की 300 वीं वर्षगांठ पर रविवार को फेसबुक लाइव कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता और तत्परता पर शुरू हो रहे एक माह के अभियान की शुरुआत की।   दिल्ली के माननीय उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने इस अवसर पर कहा कि आपदा पर काम करना केवल प्राथमिकता नहीं है, बल्कि समय की आवश्यकता है। 
"आज की तैयारी कल की सुरक्षा" अभियान: एक पारिवारिक भूकंप सुरक्षा पहल लोगों को शिक्षित करने और परिवारों द्वारा भूकंप सुरक्षा योजना के तहत कैसे जोखिमों को कम किया जा सकता है और कई लोगों की जान बचाने में कैसे ये महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, 
एक महीने के अभियान  के अंतर्गत गोबाग नामक एक जीवित किट, भूकंप के दौरान आवश्यकता पर लोगों को शिक्षित करेगा और जोखिम के आंकलन के तरीके एवं तदनुसार घरों, कार्यस्थलों और स्कूलों को मजबूत करने के बारे में जानकारी देगा।
इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग के लिए एक पारिवारिक सुरक्षा हेल्पलाइन बॉट, ऑनलाइन मास्टरक्लास भी शामिल होगा। लाइव इवेंट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कि दिल्ली-एनसीआर को जोखिम से तैयार होने के लिए कैसे काम करना और कैसे भूकंप से बचाने के लिए नागरिक खुद को और अपने परिवार को तैयार कर सकते हैं। यह पहल हनीवेल सेफ स्कूल्स कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे SEEDS दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की साझेदारी में लागू कर रहा है।
आयोजन में 500 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।  पूर्वी दिल्ली में हनीवेल सेफ स्कूल्स कार्यक्रम का हिस्सा रहे बच्चों ने अपने परिवारों के साथ एक मॉक ड्रिल किया कि कैसे वह भूकंप की स्थिति में खुद को बचा सकते हैं।
कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए ड्रिल के दौरान स्वास्थ्य प्रोटोकॉल बनाए रखा गया था।  अगर महामारी के दौरान भूकंप जैसी दूसरी आपदा आती है तो दस-सूत्रीय दिशानिर्देश पुस्तिका लोगों को भूकंप के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करने में मदद करेगी।
डॉ. शर्मा, सह-संस्थापक सीड्स ने कहा कि “पिछले 25 वर्षों में देश में सभी बड़े भूकंपों को लेकर गहन जानकारी मिली है। कि  भूकंप की मार की स्थिति में घबराने के लिए नहीं बल्कि अपने और अपने परिवार को सूचना और उपकरणों के साथ सशक्त बनाने के लिए है, जो आपको सुरक्षित रखेगा।
भूकंप को लेकर प्रतिभागियों ने सवाल पूछे,कि घर के अंदर रहना या भूकंप आने पर बाहर भागना। कि हाल के झटकों ने हम सभी को चिंतित कर दिया है। छोटी-छोटी बातें हैं जिनसे हममें से ज्यादातर लोग अनजान हैं। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि सटीक कदम उठाए जाएं ? इसके बारे में जानकारी दी जाए।

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