लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान ने मनाया अपना 27वां स्थापना दिवस
सुनील मिश्रा नई दिल्ली : लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान, दिल्ली ने 23 फरवरी 2022 को
अपना 27 वां स्थापना दिवस समारोह वाइब्रेंट इंडिया, यंग इंडिया एंड स्ट्रॉन्ग इंडिया थीम पर मनाया जो कि लाल बहादुर शास्त्री का सपना था। यह आयोजन एलबीएसआईएम परिसर में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्री जी पर फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ हुई, जो राष्ट्र के लिए उनके सराहनीय कार्यों की याद दिलाता है, इसके बाद एलबीएसआईएम के निदेशक डॉ प्रवीण गुप्ता द्वारा स्वागत भाषण दिया गया, जबकि छात्रों को वाइब्रेंट इंडिया, यंग के प्रति अपने "भारत और मजबूत भारत" शब्दों के साथ प्रबुद्ध और प्रोत्साहित किया गया।
मुख्य अतिथि श्री अतुल सोबती, महानिदेशक स्कोप, और पूर्व सीएमडी, भेल ने कहा कि सभी छात्रों को समग्र राष्ट्र निर्माण के लिए अपनी प्रतिभा और योग्यता का आह्वान करने कीआवश्यकता है भारत में पर्याप्त अवसर मौजूद हैं और हमें विदेश जाने के लिए आसक्त नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी छात्रों को अपने जुनून का पालन करने, जोखिम लेने और पूरी प्रतिबद्धता, ईमानदारी के साथ सब कुछ करने के लिये आकांक्षी बने रहना चाहिए उन्होंने कहा, "शास्त्री जी ने भारत के युवाओं को अपने लक्ष्यों के माध्यम से अपने देश के लिए अपनी ईमानदारी, समर्पण और सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से अपार ऊंचाइयों तक पहुंचने और अपने देश को गौरवान्वित करने की कल्पना की थी। यह संस्थान अपने छात्रों को जीवंत और मजबूत बनाने की गुणवत्ता में रहता है, और यह सुनिश्चित करता है कि युवा पीढ़ी जिसे वे प्रशिक्षण दे रहे हैं, न केवल अपने आने वाले भविष्य में किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं, बल्कि अपने नेतृत्व के साथ, वे एक छोड़ देते हैं हर देशवासी के जीवन में अमिट छाप।" उन्होंने राजनीतिक अशांति, सामाजिक बहिष्कार, असमानता, आर्थिक संकट और पहचान से प्रेरित संघर्ष जैसे विभिन्न विषयों पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने इस तथ्य पर भी आग्रह किया कि युवा सभी अंतर बना सकते हैं दुनिया।
श्री सुहैल समीर ने दर्शकों को अपने संबोधन में सभी छात्रों से समग्र राष्ट्र निर्माण के लिए अपनी प्रतिभा और योग्यता का आह्वान करने के लिए कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में पर्याप्त अवसर मौजूद हैं, और हमें विदेश जाने के लिए आसक्त नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी छात्रों को अपने जुनून का पालन करने, जोखिम लेने और हर काम को पूरी प्रतिबद्धता, ईमानदारी और आकांक्षी बनने के लिए कहा।
श्री अनिल शास्त्री ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, "हमारे सार्वजनिक जीवन में शास्त्री जी का योगदान इस मायने में अद्वितीय था कि वे भारत में आम आदमी के जीवन के सबसे करीब थे। भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शास्त्री जी का देश का नेतृत्व स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। उन्होंने सभी छात्रों और कर्मचारियों को बधाई दी और उन्हें सफलता और ऊंचाइयों तक पहुंचने की कामना की, और विश्वास है कि लोगों का यह मजबूत, युवा और जीवंत समूह अपना योगदान इस तरह से रखेगा, कि यह न केवल उनके जीवन को बदल देगा बल्कि प्रभाव को प्रभावित करेगा। हर आने वाली पीढ़ी कुछ ऐसा करे जिससे हमारे देश का गौरव बढ़े।"
इस कार्यक्रम मेंएलबीएसआईएम दिल्ली ने अपने पूर्व छात्रों के उल्लेखनीय योगदान का जश्न मनाया और उन्हें उनके चुने हुए क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया।कार्यक्रम का समापन प्लेसमेंट सलाहकार डॉ. जी.एल. शर्मा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव देकर किया गया।