सर्वसंपन्न होना, अच्छा सोचना, मतलब सार्थक साहित्य की रचना - राइटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया

सुनील मिश्रा नई दिल्ली  : मारवाह स्टूडियो के प्रांगण में इंटरनेशनल चैंबर ऑफ मीडिया एंड इंडस्ट्री के अंतर्गत राइटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सातवीं मीट के आयोजन मे अध्यक्ष डॉ संदीप मारवाह ने कहा" आज साहित्य लेखन को बढ़ावा देते हुए अच्छा पढ़ना, सुनना और बोलना जरूरी है उन्होंने हिंदी भाषा को लेकर भावी पीढ़ी के लिए चिंता जताई की वे अपनी मातृभाषा को गंभीरता से लें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उन्नाव से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार महेश चंद्र शुक्ल ने कहा की "मैने जनभाषा में साहित्य लिखा और कोशिश की की जन जन तक मेरा साहित्य पहुंचे" उन्होंने रामायण पर लिखित ग्रंथ डॉ मारवाह को भेट भी किए। 
इस मौके पर देश की चर्चित लेखिका रूपा सिंह ने साहित्य की चुनौतियों को लेकर तमाम बिंदुओं पर प्रकाश डाला और कहा की " अच्छा सोचना भी शुरू करें तभी सार्थक साहित्य की रचना होगी" 
जल शक्ति मंत्रालय से कार्यक्रम में शिरकत कर रहे उपायुक्त कौशल कुमार  ने कहा की " कविता कहानी से इतर लेखकों को टेक्निकल राइटिंग की तरफ भी उन्मुख होना चाहिए जिससे विश्वविद्यालयों और सरकार को मदद मिले"। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व प्रोफेसर एम पी शर्मा जी ने कहा " शोध पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और साथ ही अपनी भाषा के प्रति लगाव भी होना चाहिए" जिसके लिए उन्होंने कोरिया और पोलैंड के उदाहरण दिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता दिनेश उपाध्याय जी ने " भाषाई और सामाजिक संस्कार पर बल दिया और सटीक ऐतिहासिक लेखन पर भी जोर दिया" न्यूयॉर्क से पधारे अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति के निदेशक इंद्रजीत शर्मा  ने कहा की "विदेशों में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए बहुत कार्य हो रहा है जिसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है" कार्यक्रम में दो पुस्तकों का विमोचन किया गया एक लेखिका ममता सोनी का कहानी संग्रह " शब्दों के इंद्रधनुष" और लेखिका प्रतिभा जौहरी का उपन्यास "बंधु के मुख से" रहा

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