"जनसभा संसद" का हुआ लांच



सुनील मिश्रा नई दिल्ली : 
देश और दुनिया में चल रहे सभी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक कार्यक्रम और गतिविधियों को कई अखबार एवं डिजिटल मीडिया के माध्यमो से देश विदेश मे लोगो तक पहुंचाया जाता है सरकार ने मीडिया को चौथा स्तम्भ मानकर आईना की भान्ति प्रस्तुत किया है इसी को देखते हुए अब पाठकों का कई मीडिया से उठते विश्वास से अब पाठक शब्दवाणी समाचार को सर्व प्रथम अखबार मानते हुए स्थाई पाठक बन रहे हैं पाठकों के इसी विश्वाश से शब्दवाणी समाचार ने एक शब्दवाणी समाचार पाठक संघ बनाया। शब्दवाणी समाचार पाठक संघ के सक्रिय पाठक, भारतीय मतदाताओ द्वारा संचालित अपना जनसभा संसद का ग़ाज़ियाबाद में आज लॉन्च किया। इस अवसर पर शब्दवाणी समाचार पाठक संघ ग़ाज़ियाबाद प्रमुख शाहिद हुसैन ने मीडिया को बताया, भारतीय लोकतंत्र में वोटर सर्वोच्च होता है इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी अपने आपको देश का प्रधान सेवक मानते हैं मतलब वो उनका मालिक होगा जो अपने हिसाब से अपने लिए उनसे काम करवाये।लोकतंत्र में संगठित जनता मालिक होती है इसी आधार पर शब्दवाणी समाचार पाठक संघ के सदस्य को संगठित करके जनसभा संसद का मंच उपलब्ध करवाया, ताकि मतदाता अपने संसद में बैठकर अपने बारे में विचार कर सके। चुनाव के समय राजनीतिक पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी न करके बल्कि क्षेत्रीय मतदाता अपने भावी जनप्रतिनिधि से क्षेत्रीय कार्य का घोषणा पत्र खुद बनाकर उसको जारी करे। शब्दवाणी समाचार के सम्पादक और जनसभा संसद के पथ प्रदर्शक मोहम्मद जोशी ने मीडिया को बताया शब्दवाणी समाचार पाठकों का हित देख कर विज्ञापन को महत्व नहीं देते हैं। मीडिया का काम सच्चाई दिखाना है।  प्रधान मंत्री केवल संगठित मतदाताओं के प्रधान सेवक हैं अगर आप मालिक बनकर उनसे अपने हिसाब से काम लेना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको संगठित होना पड़ेगा।
इसीलिये कार्यक्रम में अपने आपको संगठित करने के लिए जनसभा संसद बनाया है। इसलिए शब्दवाणी समाचार ने क्षेत्रीय मतदाताओं को जनसभा संसद की सदस्य्ता प्रदान की है, पत्रकारों को जवाब देते हुए मोहम्मद जोशी ने कहा कि जनसभा संसद क्या ? और कैसे कार्य करेगी हमने जनसभा संसद सदस्य के रूप में आज 11-11 सदस्यों के दो खंड बनाये हैं, एक खण्ड ग़ाज़ियाबाद के अनुसार एक वॉर्ड के समान है, एक खण्ड 2000 लोगों का प्रतिनिधित्व करेगा। प्रत्येक खण्ड के प्रमुख अपने 10 सदस्यों के साथ कम से कम प्रत्येक सप्ताह अपने जनसभा संसद में सभा करेंगे उसी प्रकार से सभी जनसभा सदस्य अपने क्षेत्र के 10 लोगों को लेकर वो भी अपने समय अनुसार जनसभा संसद में बैठकर सभा किया करेंगे। इसके फ़ायदे पहले हर जनप्रतिनिधि पार्टी के नाम पर मुट्ठीभर लोगों से आजाद होगा, राजनीति से धन बल समाप्त होगा, जनप्रतिनिधि कुछ मुठ्ठीभर लोगों का नहीं मतदाता का होगा, जनप्रतिनिधि मतदाता के करीब होगा, मतदाता को क्या और कैसा चाहिए अपने जनप्रतिनिधि को सीधे बताएगा, इत्यादि अनेको लाभ होंगे जिसका अभी बताना सम्भव नहीं होगा।

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