नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम "कर्तव्य पथ" करने की दी मंजूरी।

सुनील मिश्रा नई दिल्ली, 07 सितंबर, 2022 : नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) की विशेष बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार की माननीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री - श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने की । इस बैठक में पालिका परिषद के अध्यक्ष - श्री भूपिंदर सिंह भल्ला, उपाध्यक्ष - श्री सतीश उपाध्याय, विधायक एवं सदस्य एनडीएमसी - श्री वीरेंद्र सिंह कादियान, सदस्य - श्री कुलजीत सिंह चहल, श्रीमती विशाखा सैलानी, श्री गिरीश सचदेवा, भारत सरकार के आवास और शहरी मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री डी. थारा, भारत सरकार के गृह मंत्रालय में सयुंक्त सचिव, श्री आशुतोष अग्निहोत्री और पालिका परिषद के सचिव - श्री विक्रम सिंह मलिक ने भाग लिया और बैठक के समक्ष रखे गए विषय "राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन"  का नाम बदलकर "कर्तव्य पथ" करने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मंजूरी दी। एनडीएमसी के अधिकार वाले क्षेत्र विजय चौक से इंडिया गेट तक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन मे, जहां केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग, कार्यालय स्थित हैं। विजय चौक से इंडिया गेट के बीच राजपथ की लंबाई 1.8 किमी, सड़क की चौड़ाई 12 मीटर और फुटपाथ की चौड़ाई, जो ग्रेनाइट पत्थर से बनी है, दोनों तरफ से 4.2 मीटर है। मीनाक्षी लेखी ने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार से एनडीएमसी को राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने के संबंध में एक अनुरोध प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी है, ताकि लोक कल्याण और राष्ट्र विकास की दिशा में कर्तव्यों को अपनाया जा सके. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि नाम 'कर्तव्य पथ' करने मे एनडीएमसी द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। 
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र को पहले राजपथ को "किंग्स वे" और “जनपथ” को "क्वींस वे" से जाना जाता था। श्रीमती लेखी ने आगे कहा कि जबकि स्वतंत्र लोकतांत्रिक नए भारत में यह जनता सर्वोच्च है  उन्होंने कहा कि नए कर्तव्य पथ की अवधारणा हमें बिना किसी भेदभाव के राष्ट्र, समाज, परिवार और सभी लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है। संविधान के तहत मौलिक कर्तव्यों का हमारी समृद्ध विरासत और मिश्रित संस्कृति के संरक्षण के लिए यह प्रेरणा हैं।
 "कर्तव्य पथ" राष्ट्र, समाज, परिवार और सभी लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है. इससे पहले, सभी परिषद सदस्यों ने परिषद की बैठक में "कर्तव्य पथ" पर औपनिवेशिक प्रतीकों से स्वतंत्रता, आजादी का अमृत महोत्सव में औपनिवेशिक नाम से आजादी, भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों और इसके संरक्षण पर विचार विमर्श करते हुए तथा संविधान से प्रेरणा लेने का हवाला देते हुए अपने विचार और व्याख्याएँ व्यक्त की।

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