डॉ. बासु आई हॉस्पिटल की "आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स" मोतियाबिंद इलाज़ मे पाई गई प्रभावी


सुनील मिश्रा नई दिल्ली :
आंखों के इलाज में ‘डॉ. बासु आई हॉस्पिटल’ ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के प्रोफेसर यामिनी द्वारा आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स के पूर्वव्यापी अवलोकन अध्ययन के बाद बताया कि आई ड्रॉप मोतियाबिंद की वजह से देखने मे तकलीफ़ के उपचार में काफी फायदेमंद होती है। 2017 से 2019 के बीच इलाज किए गए 308 मोतियाबिंद मरीजों पर शोध से मिले नतीजे बताते हैं कि उपचार के दौरान आइसोटीन के इस्तेमाल से मरीजों की दूर की नज़र (अनकरेक्टेड डिस्टेंस विजुअल एक्यूटी) और निकट दृष्टि दोष (अनकरेक्टेड नियर विजुअल एक्यूटी) में महत्वपूर्ण सुधार नज़र आया। अध्ययन के दौरान, मरीज़ों को उनकी स्थिति की गंभीरता के आधार पर चार समूहों में विभाजित किया गया था। समूह 1 में चश्मे की कम पावर विजन वाले मरीज़ शामिल थे, समूह 2 में 6/18 तक विजन वाले मरीज़ थे, समूह 3  में शामिल मरीजों का विजन 6/60 तक थाऔर समूह 4 में वे मरीज़ शामिल थे जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्गीकरण के अनुसार दृष्टिहीन थे। 
अध्ययन से पता चला कि तीन महीने तक आइसोटीन आई ड्रॉप के इस्तेमाल से दूर और पास की कमजोर नज़र वाले मरीजों की देखने की क्षमता में सुधार हुआ। खासतौर पर समूह 1 और 2 के 91 फीसदी मरीज़ अपना चश्मा हटाने में सक्षम थे। 
समूह 3 में 47 फीसदी मरीज़ों के चश्में की पावर में कमी आई जबकि समूह 4 के 61 फीसदी मरीज़ों ने  देखने की क्षमता पा ली है। मोतियाबिंद की वजह से देखने की क्षमता में होने वाले नुक्सान को ठीक करने के दावे के साथ आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स का पिछले 36 सालों से चिकित्सीय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस अवलोकन संबंधी अध्ययन से आइसोटीन ने अपने एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और प्रोटिएज़ गतिविधियों के जरिए मोतियाबिंद की वजह से दूर और पास का देखने की कमजोर क्षमता में सुधार किया। साथ ही धुंधलेपन को कम किया, सिलिअरी मांसपेशियों को मजबूत किया, लेंस-ग्रोथ/ न्यूट्रिशन सप्लाई, और रेटिना संवेदनशीलता में सुधार किया।
डॉ. बासु आई हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ. महेन्द्र सिंह बासु ने कहा, "यह स्टडी मोतियाबिंद मरीजों की देखने की क्षमता में हुए नुक्सान में सुधार करने में आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स को प्रभावशीली बताती है।" आगे कहा "हमारा मिशन हमेशा ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्नत औषधीय अनुसंधान प्रदान करना रहा है। 
प्रोफेसर यामिनी ने कहा कि हम सुझाव देते हैं कि आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स मोतियाबिंद की वजह से आंखों को होने वाले नुकसान मे प्रभावी हो सकता है 
हमें उम्मीद है कि यह अध्ययन नेत्र विज्ञान में आयुर्वेदिक दवाओं के उपयोग पर और शोध को प्रोत्साहित करेगा।
डॉ. बासु आई हॉस्पिटल ने एक विश्व स्तरीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ‘जगत फार्मा’ की स्थापना की है ताकि आइसोटीन हर्बल आई ड्रॉप्स की उच्चतम गुणवत्ता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित किया जा सके। 1978 में डॉ. एम एस बासु ने आइसोटीन आई ड्रॉप का आविष्कार किया था। इस आई ड्रॉप में अपरिपक्व मोतियाबिंद जैसे कुछ सबसे गंभीर नेत्र रोगों के इलाज करने की क्षमता है।

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