होली की पवित्रता और धार्मिकता बनाए रखें :
पुराना फर्नीचर/सामान होली में ना जलाएं : धर्मशास्त्रानुसार होली मनाएं !
सुनील मिश्रा नोएडा, सेक्टर- 12 सब्जी मंडी मार्केट में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से होली के विषय में जनजागृति अभियान चलाया गया, होली एवं रंगपंचमी के अवसर पर होने वाली विकृतियों को रोकने और भारतीय संस्कृति की पवित्रता बनाए रखने हेतु हिंदू जनजागृति समिति प्रतिवर्ष जनजागरण अभियान का आयोजन करती है। संविधान की धारा 28, 29 और 30 के अंतर्गत हिंदुओं को धर्म शिक्षा से वंचित रखा गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि आज हमारे त्योहारों में अनेक विकृतियां उत्पन्न हो गई हैं। होली का मूल उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, किंतु आधुनिक काल में यह केवल रंगों की होली और अनावश्यक उन्माद तक सीमित रह गई है।
वर्तमान में होली की रचना करते समय कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक, पुराना फर्नीचर, रबर, केमिकल युक्त पदार्थ आदि जलाए जाते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है और धार्मिक स्थान की शुद्धता भी भंग होती है। शास्त्रों के अनुसार, होली की रचना में केवल शुद्ध सामग्री जैसे सूखी लकड़ियां, गोबर के उपले और सूखे वृक्षों की टहनियों का ही उपयोग किया जाना चाहिए।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में होली उत्सव के दौरान अशुद्धि, असंस्कारी आचरण, पर्यावरण प्रदूषण, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और सामाजिक अव्यवस्था जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यह न केवल हमारी संस्कृति और परंपरा को धूमिल करता है, बल्कि समाज में अराजकता भी फैलाता है। सनातन के त्योहारों की पवित्रता और उसकी धार्मिकता को बचाने हेतु आज यह जनजागृति का अभियान चलाया गया, समिति के कार्यकर्ताओ द्वारा पकड़े हुए पोस्टर आकर्षण का केंद्र बने और लोगो का प्रतिसाद बहुत अच्छा रहा।
आपका,
श्री नरेंद्र सुर्वे
वर्तमान में होली की रचना करते समय कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक, पुराना फर्नीचर, रबर, केमिकल युक्त पदार्थ आदि जलाए जाते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है और धार्मिक स्थान की शुद्धता भी भंग होती है। शास्त्रों के अनुसार, होली की रचना में केवल शुद्ध सामग्री जैसे सूखी लकड़ियां, गोबर के उपले और सूखे वृक्षों की टहनियों का ही उपयोग किया जाना चाहिए।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में होली उत्सव के दौरान अशुद्धि, असंस्कारी आचरण, पर्यावरण प्रदूषण, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और सामाजिक अव्यवस्था जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यह न केवल हमारी संस्कृति और परंपरा को धूमिल करता है, बल्कि समाज में अराजकता भी फैलाता है। सनातन के त्योहारों की पवित्रता और उसकी धार्मिकता को बचाने हेतु आज यह जनजागृति का अभियान चलाया गया, समिति के कार्यकर्ताओ द्वारा पकड़े हुए पोस्टर आकर्षण का केंद्र बने और लोगो का प्रतिसाद बहुत अच्छा रहा।
आपका,
श्री नरेंद्र सुर्वे