उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ का अयोध्या दौरे से पहले 15 आई पी एस के तबादले
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में अपराध घोड़े की तरह भागता जा रहा है और भागते ही जा रहा है। जिसकी वजह से विपक्ष भी वर्तमान सत्ता पर सवाल पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। 24 जुलाई को कांग्रेश की प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कुछ प्रश्न पूछे थे और उत्तर प्रदेश की मौजूदा हालत में सुधार हेतु कुछ सुझाव भी प्रस्तावित किए थे। मीडिया के मुताबिक मुख्यमंत्री अयोध्या के दौरे पर है और अयोध्या के दौरे पर जाने से पहले 15 आईपीएस के तबादले की घोषणा करते हुए चले गए। तबादले का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए अपराधो से है। गोंडा में पुलिस में अपनी मेहनत और लगन से किडनैप वाला केस सॉल्व कर दिया है, परंतु कानपुर में हुए सतीश यादव की किडनैपिंग में फेल हो गई। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कानपुर के 4 पुलिस के बड़े अधिकारियों को निलंबित कर दिया था और सतीश यादव के हत्यारे को पकड़ने की बात पर जोर दिया था। कानपुर में किडनैपिंग के केस में अभी तक परिवार जनों को पुत्र का शव तक नहीं प्राप्त हो पाया है। जिसके लिए पुत्र की मां ने पुलिस की गाड़ी के सामने खड़े होकर (अथवा कुछ इस प्रकार के हैं तो की पुत्र की मां ने पुलिस की गाड़ी रोक कर) उनसे शव दिलवाने के लिए बोल रही है। जिससे साफ साफ पता चल रहा है कि पुलिस ने अभी तक शव को परिवार जनों को नहीं सोप पायी हैं। कानपुर हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिंघम अंदाज में आये। उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया और एक ही दिन बाद ही 15 बड़े आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इस तबादले से यह आशा लगाई जा रही है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले अपराधों की संख्या घटेगी और अपराधी भी पुलिस वालों से डरेंगे।
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