अयोध्या में पांच अगस्त को करीब 500 करोड़ की परियोजनाओं का होगा लोकार्पण व शिलान्यास
सुनील मिश्रा नई दिल्ली : रामनगरी अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के समय पांच अगस्त को करीब पांच सौ करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण भी होगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए चरणवद्ध कार्ययोजना तैयार की है।
प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर ने सोमवार को यहां बताया कि पांच अगस्त को श्लिान्यास की जाने परियोजनाओं की अनुमानित लागत करीब 350 करोड़ रुपये है। इनमें 54.56 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजना, करीब 16 करोड़ की तुलसी स्मारक भवन के आधुनिकीकरण, 2.75 करोड़ का रामकथा पार्क का विस्तारीकरण और अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी मार्ग का निर्माण कार्य शामिल है। करीब 36.750 किमी लम्बाई की यह सड़क चार लेन की बनेगी। इसकी अनुमानित लागत 252.25 करोड़ रुपये है।
सूचना निदेशक ने बताया कि इस मौके पर करीब 161.53 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हुई पांच परियोजनाओं का लोकार्पण भी होगा। इसमें 134.67 करोड़ की लागत से बने राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या के लेक्चर हाल, प्रशासनिक भवन, लाइब्रेरी, हास्टल आदि, स्वदेश दर्शन योजना के तहत 10.22 करोड़ की लागत से निर्मित लक्ष्मण किला घाट, 7.40 करोड़ की लागत से तैयार हुआ अयोध्या का नया बस अड्डा, 6.87 करोड़ की लागत से बनी 200 व्यक्तियों की क्षमता वाली पुलिस बैरक और 2.37 करोड़ से निर्मित मंडलीय चिकित्सालय दर्शन नगर में प्लास्टिक सर्जरी एवं बर्न यूनिट का निर्माण कार्य शामिल है।
शिशिर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए शासन स्तर से तीन चरणों की कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत अयोध्या में सरयू नदी के सभी घाटों, नगर के अंदर की सभी प्रमुख सड़कों के अलावा श्रीराम जन्मभूमि परिसर और हवाई अड्डे को जोड़ने वाले सभी मार्गों का चैड़करण का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण की कार्य योजना में अयोध्याधाम में गोरखपुर राजमार्ग पर 600 एकड़ जमीन में एक टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसी चरण में सरयू नदी के बांधों के सुदृढ़ीकरण की कार्य योजना बनाई गई है। साथ ही नगर के अंदर और बाहर की सभी सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य प्रस्तावित है।
वहीं तीसरे चरण में यातायात के सुगम संचालन के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत नगर के अंदर और बाहर रेल मार्ग पर उपरिगामी सेतु बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों से अयोध्या में अयोध्या में विकास की कई परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं, जिनमें से अधिकतर के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जो बचे हैं वे भी वर्ष के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे।