राममंदिर रुकवाने वाली आंबेडकरवादी संस्था ABF पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 1 लाख का जुर्माना.
राममंदिर रुकवाने वाली आंबेडकरवादी संस्था ABF पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 1 लाख का जुर्माना.
नई दिल्ली :
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने एक अंबेडकरवादी संस्था के ऊपर एक लाख का जुर्माना लगा दिया है और उसके द्वारा दायर की गई याचिका को फाड़ कर फेंक दिया है! क्योंकि याचिका में ना तो कोई तर्क, ना ही कोई सबूत और ना ही कोई लॉजिक था! दरअसल यह संस्था ABF देश की सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गई और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण को रोकने की मांग करने लगी! इनका कहना है कि वह जमीन बौद्ध मंदिर की है और राम मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी जाए!
इस संस्था का कहना है कि राम मंदिर की खुदाई के समय जो भी चीजें निकली है वह हिंदू मंदिर के अवशेष नहीं है बल्कि बौद्ध मंदिर के अवशेष है! उनका कहना है कि पहले यहां पर बौद्ध मंदिर हुआ करता था तो इसलिए राम मंदिर पर रोक लगा दी जाए! जैसे ही कोर्ट में यह याचिका पहुंची तो इसको पढ़ने के बाद उसे तुझ घोषित कर दिया गया और याचिका लगाने वालों के पास कोई प्रमाण नहीं है कि वहां पर बौद्ध मंदिर था! जिसके चलते कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया!
इसके साथ साथ देश की सर्वोच्च न्यायालय का समय खराब करने के लिए याचिका लगाने वाली संस्था पर एक लाख तक का जुर्माना लगा दिया है! देश की सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका लगाने वालों पर 1 महीने में एक लाख का जुर्माना भरने के लिए कहा है अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके ऊपर कोर्ट की अवमानना का केस चल सकता है!