दिल्ली कमेटी चुनावी दंगल में 'जागो' का चुनाव चिन्ह होगा किताब


ग्रंथ और पंथ की सेवा संभाल ही हैं 'जागो' का एजेंडा : जीके*



सुनील मिश्रा नई दिल्ली : दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक्ट के नियम 14 के तहत जागो-जग आसरा गुरु ओट(जत्थेदार संतोख सिंह) को विशुद्ध धार्मिक पार्टी के तौर पर मान्यता देते हुए किताब चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। इस बात की जानकारी पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आज पत्रकारों को दी। फरवरी 2021 में प्रस्तावित कमेटी चुनाव को लेकर पार्टी के एजेंडे और गठबंधन की संभावना पर भी जीके खुलकर बोले। जीके ने कहा कि पार्टी की मूल विचारधारा गुरु ग्रंथ और गुरु पंथ की मर्यादा को संभालते हुए पार्टी की टैग लाइन "नीहां तो लीहां तक" पर पहरा देने की हैं। साथ ही जो हमने कमेटी में रहते हुए कौम के लिए 6 साल में कार्य किए, उसे संगत अच्छी तरह जानती है। मुझे झूठे इल्जामों में फँसा करके संगत के बीच से गायब करने का तरीका इसलिए चुना गया था, क्योंकि मैं बादलों के हिसाब से नहीं बल्कि अपने हिसाब से काम करता था। जीके ने बिना नाम लिए मौजूदा कमेटी प्रबंधकों की काबलियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहीं कारण हैं कि अब उसे प्रधान बनाया गया है, जिसकी डेरा सिरसा को माफी दिलवाने से जत्थेदारों को धमकाने तक में अहम् भूमिका का खुलासा सामने आ चुका है और महासचिव उसे बनाया गया है, जिसके दादा की पंथ विरोधी हरकतों के बारे किताबों में से नित नए खुलासे बाहर आ रहें है। जीके ने 2017 कमेटी चुनाव बिना बादलों की फोटो और प्रचार के जीते जाने की याद करवाते हुए साफ किया कि आज जो मैंबर कमेटी के साथ चेयरमैनी के लालच में चिपके हैं, उन्हें संगत ने इस बात के लिए जनादेश नहीं दिया था।

जीके ने किताब चुनाव चिन्ह की बात करते हुए किताब को शिक्षा, धर्म व अन्य कार्यों के लिए जरूरी बताया। जीके ने कहा की किताब ज्ञान देती हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए किताबी ज्ञान सभी के लिए जरूरी है।इसलिए बहुत सोच समझ कर हमने यह चिन्ह लिया है। यह हमारे भविष्य के एजेंडे में शिक्षा को सबसे आगे रखने का प्रतीक है। अगर किसी ने धर्म का ज्ञान भी लेना है, तो भी उसे धार्मिक पोथी और गुरु ग्रंथ साहिब का अध्ययन जरूरी है। सिख का मतलब ही सीखना होता है और सीखने के लिए किताब जरूरी है। एक सवाल का जवाब देते हुए जीके ने साफ कहा कि बादल विरोधियों से गठबंधन के लिए हमारे विचार खुले जरूर है पर हम तैयारी सभी 46 सीटों पर लड़ने की कर रहें हैं। चूँकि "बादल नही बदलाव" भी हमारे एजेंडे का हिस्सा हैं, इसलिए गठबंधन के विचार को नजरअंदाज करके हम नहीं चल रहें हैं। इससे पहले जीके ने 'बोले सो निहाल' के जयकारों की गूँज में चुनाव चिन्ह पर पड़े पर्दे को हटाकर चुनाव चिन्ह को सार्वजनिक किया। इस मौके पार्टी के पदाधिकारी बड़ी संख्या में हाजिर थे।

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