दिल्ली सरकार मे शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अनदेखी से लगभग 2500 बच्चों का भविष्य खतरे में



सुनील मिश्रा नई दिल्ली : संलग्न रेजिडेन्शियल वेलफ़ेयर एसोशियेशन पत्र से राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय न्यू अशोक नगर दिल्ली -96 की शिक्षण अव्यवस्था की फ़िर से दोबारा पोल खुलती नज़र आ रही है.

सरकार ध्यान दे: यह पत्र भी बहुत कुछ कह देता है और हो क्या रहा है.

जब कि पहले से ही यह स्कूल वर्ष 2019-20 मे अपने रिजल्ट (79% 2019 से 63% 2020 ) को लेकर बहुत सुर्खियो मे रहा है यहाँ विद्यालय प्रमुख सुनील कुमार की अपने शारीरिक असमर्थता और सेहत के प्रति अस्वस्थता बच्चों के पढाई को नुकसान पहुंचाती है न तो स्कूल प्रशासन, न अनुशासन, न कोई शिक्षा का योगदान, न स्कूल के शिक्षको को मार्गदर्शन ही मिलता है जैसा कि कुछ दिन पहले मीडिया मे यह स्कूल अपने रिजल्ट को लेकर काफ़ी बदनामी झेल रहा था फ़िर दिल्ली सरकार के सन्ग्यान मे आने से स्कूल प्रमुख श्री सुनील कुमार की जगह श्री अशोक गौड को नियुक्त किया गया था कुछ समय बाद फ़िर अशोक गौड़ जी की जगह दोबारा सुनील कुमार जी नियुक्त हो गये जिससे स्कूल के बच्चों का भविष्य फ़िर अंधेरे से होता हुआ गर्त मे जाता नज़र आ रहा है.
इस स्कूल मे अधिकतर न्यू अशोक नगर कालोनी और आस पास के क्षेत्रों एवं नोएडा के बच्चे ही पढते हैं इनके शिक्षा, अनुशासन, चरित्र, गुण, भविष्य के सपने लेकर एक रेजिडेन्शियल वेलफ़ेयर एसोसियेशन सामने आ गयी है जो अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करते हैं दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री को इस स्कूल के भविष्य को देखते हुए एक कुशल शासन व्यवस्था और चुस्त, शिक्षित स्कूल प्रमुख की नियुक्ति करनी चाहिए.
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री स्कूल के विद्यार्थियो को लेकर बहुत रोल माडल बनाते हैं तो शिक्षा के इस व्यवस्था को देखकर हमे क्या समझना चाहिए कि RWA भी बच्चों के भविष्य की चिंता से ग्रस्त हो कर शक के निगाहो से देखती है.
RWA का चिन्ता जनक पत्र इस लेख के साथ सलग्न है.

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