ड्यूटी जॉइन करते ही 'स‍िंघम' ना बनें’, IPS आफ़ीसर :PM MODI


सुनील मिश्रा हैदराबाद :  हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के आइपीएस (IPS)प्रोबेशनरों के दीक्षांत परेड समारोह के दौरान 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युवा आइपीएस अधिकारियों से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 'सिंघम'  का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस के लोगो को ड्यूटी पर अपना रौब दिखाने का काम करने से बचना चाहिए. 

बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान पुलिस ने जागरूकता बढ़ाने के लिए गाने गाए, गरीबों को भोजन करवाया और जनता इन दृश्यों की गवाह बनी. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विषय पर कहा कि हमें युवाओं को शुरुआती चरण में ही गलत राह चुनने से रोकने की जरूरत है; महिला पुलिस अधिकारी वहां की महिलाओं की भागीदारी के जरिए यह कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि योग और प्राणायाम के माध्यम से तनाव से निपटा जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज की जिंदगी में तनाव ऐसी चीज़ नहीं,जिसे मैनेज न किया जा सके. अगर हम साइंटिफिक तरीके से अपने व्यक्तित्व को,अपनी क्षमताओं और अपनी जिम्मेदारियों को संतुलित तरीके से व्यवस्थित करें तो इसे आसानी से मैनेज कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं तनावपूर्ण जीवन जीने वालों को हमेशा आग्रह करता हूं कि योग, प्राणायाम करें. अपने अनुभव किया होगा कि अगर मन से योग करते हैं तो ये काफी लाभ देता है. काम कितना भी होगा लेकिन आप हमेशा प्रसन्न होंगे.
टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक उपयोग : पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में दल कोई भी हो, जनप्रतिनिधि का एक बड़ा महत्व होता है. जनप्रतिनिधि का सम्मान मतलब लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मैं सम्मान करता हूं. उसके साथ हमारे डिफरेंस हो तो भी उसका एक तरीका होता उस तरीके को हमें अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन दिनों टेक्नोलॉजी हमारी बहुत मदद कर रही है. लेकिन इन दिनों जितने भी पुलिस सस्पेंड हो रहे हैं तो उसका भी कारण टेक्नोलॉजी है. आपको इस पर बल देना होगा कि टेक्नोलॉजी का कैसे ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक उपयोग हो.


प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 'सिंघम' का जिक्र किया और कहा कि कुछ पुलिस के लोग जब पहले ड्यूटी पर जाते हैं तो उनको लगता है कि पहले मैं अपना रौब दिखाने का काम कर लूं… लोगों को मैं डरा दूं….आगे उन्होंने कहा कि वे सोचते हैं कि मैं लोगों में अपना एक हुकुम छोड़ दूं और जो ऐंटी सोशल एलिमेंट हैं वो तो मेरे नाम से ही कांप उठे… ये जो सिंघम वाली फिल्में देखकर बड़े बनते हैं, उनके दिमाग में ये चलता रहता है….और उसके कारण करने वाले काम उनसे छूट जाते हैं…

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