आशु भाई गुरुजी उर्फ आशू बाबा गैंग रेप केस में बड़ा खुलासा

सुनील मिश्रा नई दिल्ली : आशु भाई गुरूजी गैंग''रेप केस के मामले में माननीय दिल्ली हाईकोर्ट में रिट दाखिल कर शिकायतकर्ता लड़की और उसके साथियों के खिलाफ एक्सटॉर्शन डिमांड की एफ आई आर दर्ज कराने और सी.बी.आई. से जांच कराने की मांग. करते हुए अधिवक्ता विशाल चोपड़ा व उनकी टीम ने दायर की याचिका की है  शिकायतकर्ता लड़की ने सी पी डब्ल्यू डी के दो उच्च
अधिकारियों पर भी कराया एक और गैंगरेपका मुकदमा दर्ज किया है.  याचिका में अधिवक्ता विशाल चोपड़ा द्वारा बताया गया कि हाईप्रोफाइल लोगों पर झूठे रेप के मुकदमे दर्ज करा लड़की और उसके साथी साजिश के तहत संगठित तरीके से करोड़ों रुपए एक्सटॉर्शन का काम करते हैं  याचिका में अधिवक्ता विशाल चोपड़ा द्वारा दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के उच्च अधिकारी डीसीपी राम गोपाल नायक के खिलाफ लगाए गए संगीन आरोप और उसके एजेंट राम नरेश शर्मा (शिकायतकर्ता लड़की का साथी) द्वारा आशु भाई गुरुजी केस में सात करोड़ रुपए बतौर एक्सटॉर्शन मनी मांगने के लगाए गए आरोप। राम नरेश शर्मा द्वारा दाती महाराज रेप केस को ₹13 करोड़ रुपए लेकर बिना अरेस्ट चार्ज शीट दाखिल करने की डील कराने हेतु की गई बात का भी किया गया खुलासा। याचिका में शिकायतकर्ता लड़की के साथी राम नरेश शर्मा जिसने अपने आपको डीसीपी राम गोपाल नायक का एजेंट बताया की 50 से ज्यादा रिकॉर्डिंग व्हाट्सएप चैट को लगाया गया जिसमें खुलेआम 7 करोड़ रुपए एक्सटॉर्शन मनी की डिमांड की जा रही थी। माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर रिट याचिका की सुनवाई करते हुए 16 फरवरी 2021 को पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए क्राइम ब्रांच को 2 हफ्ते के अंदर उपरोक्त सभी आरोपों पर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।जिस लड़की ने आशु भाई गुरुजी, उनके बेटे समर, उनके दोस्त सौरभ व उनके मैनेजर रविशंकर के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था उसी लड़की ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सी.पी.डब्ल्यू.डी.) के दो उच्च अधिकारियों पर भी गैंगरेप का एक और मुकदमा दर्ज कराया है। 
लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि लड़की के बयानों में झोल पाया गया। आशु भाई गुरुजी की तरफ सेअधिवक्ता विशाल चोपड़ा ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर पूरे प्रकरण का खुलासा किया याचिका में लड़की को बड़े लोगों के खिलाफ झूठे रेप के मुकदमे दर्ज करा कर करोड़ों रुपए ऐंठने का आदी बताया गया है। आशु भाई गुरुजी के केस में जांच कर रही दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस पर संगीन आरोप लगाए गए हैं और इस मामले में ₹7 करोड़ एक्सटॉर्शन मनी राम नरेश शर्मा द्वारा मांगने का आरोप भी लगाया गया है।

आशु बाबा उर्फ आशु भाई गुरुजी उर्फ आसिफ खान उनके बेटे समर खान मैनेजर रविशंकर व बिल्डर सौरभ कुमार के खिलाफ 8 सितंबर 2019 को हौज खास थाने में सामूहिक बलात्कार छेड़छाड़ और पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया मामले की जांच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ही की थी। फिलहाल आशु बाबा के अलावा सभी आरोपी इस मामले में अंतरिम जमानत पर हैं अधिवक्ता विशाल चोपड़ा की तरफ से दायर याचिका में बड़ा खुलासा करते हुए यह कहा गया है कि जिस मोबाइल नंबर से राम नरेश शर्मा नाम का व्यक्ति जो अपने आप को डीसीपी क्राइम राम गोपाल नायक का एजेंट बताता था वो आशु बाबा के सहयोगी शिवकुमार से रिश्वत के सात करोड़ रुपए मुकदमा खारिज करवाने के लिए मांग रहा था और उसी मोबाइल नंबर से राम नरेश शर्मा ने शिव कुमार को बताया था कि दाती महाराज के मुकदमे में भी 13 करोड़ रुपए रिश्वत के लेकर दाती महाराज को गिरफ्तारी से बचाया गया था राम नरेश शर्मा ने शिव कुमार के साथ जिस मोबाइल नंबर से उपरोक्त सारी बातें और पैसों की डिमांड की थी उसी मोबाइल नंबर को सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज केस में लड़की ने अपना खुद का मोबाइल नंबर बताया है। जिससे साबित हो जाता है कि राम नरेश शर्मा और शिकायतकर्ता लड़की दोनों साथी हैं। लड़की ने यह दूसरा केस मंडावली थाने में जून 2019 में दर्ज कराया लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। रिट याचिका में आशु बाबा के मामले में सात करोड़ रुपए मांगने संबंधी सभी फोन रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैट को भी संलग्न किया गया है और उस मोबाइल नंबर से संबंधित सारे सबूत पेश किए गए। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस पूरे प्रकरण की पहले से पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी शिकायत की गई थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई जांच नहीं की गई क्योंकि इस पूरे प्रकरण में क्राइम ब्रांच के उच्च अधिकारी डीसीपी राम गोपाल नायक का नाम आ रहा है और याचिका में यह भी बताया गया है कि किस तरह से संगठित तरीके से एक गैंग बनाकर प्रभावशाली लोगों के खिलाफ झूठे रेप के केस दर्ज करा करोड़ों रुपए मांगने का चलन चल रहा है। याचिका में इस पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने व शिकायतकर्ता लड़की और उसके साथियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने की मांग अधिवक्ता विशाल चोपड़ा द्वारा की गई है ताकि इस तरह के मामलों पर सख्ती से लगाम लगाई जा सके और दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और सच्चाई सभी के सामने खुलकर आ सके और झूठे मुकदमे बनाने व ब्लैक मेलिंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सके। इसके अलावा दुनिया को यह भी पता लग सके कि किस तरह से बेगुनाह लोगों को भी कानून का दुरुपयोग करके पैसे ऐंठने के लिए फसाया जाता है।हाई कोर्ट में दायर याचिका में अधिवक्ता विशाल चोपड़ा ने बताया है कि मेरे क्लाइंट आशु भाई गुरुजी उर्फ आसिफ खान और उनके बेटे समर खान पर गैंग रेप का झूठा मुकदमा लड़की द्वारा दर्ज कराया गया है जिसके पीछे मकसद सिर्फ उनके करोड़ों रुपए ऐंठना है। इस मामले में तफ्तीश को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से ना करा कर सीबीआई से तफ्तीश कराई जाएगी तो पता चल जाएगा कि इस लड़की और उसके साथियों ने पैसा एक्सटॉर्शन करने के लिए और कितने बेकसूर लोगों को शिकार बनाया है। माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर रिट याचिका की सुनवाई करते हुए और सभी सबूतों को देखते हुए 16 फरवरी 2021 को पूरे मामले पर संज्ञान लिया है और क्राइम ब्रांच को 2 हफ्ते के अंदर उपरोक्त सभी आरोपों पर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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