दिल्ली का विश्व युवक केन्द्र बना भ्रष्टाचार और लूटमार का अड्डा, कर्मचारियों को नौकरी से किया बेदखल,कई हुए बेरोज़गार



सुनील मिश्रा नई दिल्ली : दिल्ली के चाणक्य पुरी मे विश्व युवक केन्द्र की स्थापना सन 1961 मे एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप मे राम कृष्णा बजाज ने एक मैनेजिंग ट्रस्टी के रूप मे और चेयरमैन मोरारजी देसाई को बनाकर किया गया था लेकिन बदलते समय और राजनीति के चक्रव्यूह मे यह ट्रस्ट एक पारिवारिक कम्पनी की तरह चलाया जा रहा है इस विश्व युवक केन्द्र की बिल्डिन्ग के अन्दर 100 होटल के कमरे, कान्फ़्रेन्स हाल और काफ़ी ओपेन हाल भी मौजूद है. जिनका उपयोग कुछ लोगों के द्वारा इस ट्रस्ट के कमरों को किराये पर उठाकर मोटी कमाई की जा रही है इस कमाई के करोडो रुपये कुछ ही लोगों के जेब मे जा रहे हैं ऐसा आरोप वहीं विश्व युवक केन्द्र मे कार्यरत कर्मचारियों ने लगाये है उनका  कहना है कि हम विश्व युवा केंद्र वर्कर्स यूनियन से हैं हमें यातना, उत्पीड़न, शोषण और अत्याचार के साथ बंधुआ मजदूर के रूप में रखा गया ।  पिछले 20 वर्षों से हमें केवल 14000 से 15000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जा रहा है।  यह दिल्ली सरकार के घोषित मूल वेतन से बहुत कम है।
 श्री उदय शंकर सिंह लगभग 200000- रुपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त कर रहे हैं।जबकि निम्न स्तर वाले केवल 15000 प्रतिमाह ! 
क्या यही न्याय है.???
आगे कर्मचारियों का कहना है कि 
1961 में स्थापना के बाद से आज तक वे भारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।  यह पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत पंजीकृत है लेकिन ट्रस्ट के नाम पर वे व्यावसायिक व्यवसाय कर रहे हैं!
- उनके पास पूरी बिल्डिंग किराए चल रही है  होटल रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल और अन्य हैं।
- वे रुपये चार्ज कर रहे हैं।  3000/- प्रति कमरा प्रति दिन और भारी मुनाफा कमा रहे हैं।
- यह गैर लाभकारी संस्था है लेकिन एनजीओ के नाम पर करोड़ों रुपये का भारी मुनाफा कमा रही है।  वे जनता के पैसे का गबन कर रहे हैं। विश्व युवा केंद्र एक धोखाधडी करने वाला केन्द्र बन चुका है. 

 - बोर्ड में कोई महिला व्यक्ति नहीं है। दोनों श्री शिशिर बजाज (प्रबंध न्यासी) और उनके पुत्र श्री कुशाग्र नयन बजाज (न्यासी) बोर्ड में।
 1961 से बजाज परिवार ने पारिवारिक संपत्ति की तरह विश्व युवा केंद्र को हाईजैक कर लिया है।  सभी ट्रस्टी बजाज फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य हैं। भारतीय न्यास अधिनियम 1882 की धारा 10 का उल्लंघन है। कर्मचारियों को यातना, शोषण, अत्याचार के साथ बंधुआ मजदूरी के रूप में रखा जाता है।
कृपया इस मुद्दे को उठाएं क्योंकि वे जनता के पैसे का आनंद ले रहे हैं।  वे आजाद हैं और अभी भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। --शिशिर बजाज मैनेजिंग ट्रस्टी  विश्व युवा केंद्र करोड़ों रुपये के इस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं।
 - कृपया कृपया हमें इस घोर अन्याय  हमारी नौकरी बचाने में सहयोग करें.

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