घाटी में सरकारी नीतियों और बहुसंख्यक समुदाय की बदमाशी के कारण सिख नस्ली सफाई से पीड़ित : जीके
*केंद्रीय गृह राज्यमंत्री से मिले जीके*
*निकाह के लिए होने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए अध्यादेश लाने की उठाई मांग.
सुनील मिश्रा नई दिल्ली (29 जून 2021): कश्मीर में सिख लड़कियों के धर्मांतरण के मामले को लेकर जागो पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के नेतृत्व में आज संयुक्त शिष्टमंडल ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री जी कृष्ण रेड्डी से मुलाकात की। इस शिष्टमंडल में जागो पार्टी नेताओं के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह भी अपने साथी सिख नेताओं के साथ शामिल हुए।
जीके ने कश्मीरी सिखों की परेशानियों को लेकर कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखें अपने पत्र की प्रति रेड्डी को देते हुए मांग की कि केवल निकाह के मकसद से कश्मीर घाटी में हो रहें सिख बच्चियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में तुरंत अध्यादेश लाना चाहिए। जीके ने दावा किया कि कश्मीर घाटी में सिख 'नस्ली सफाई' से पीड़ित हैं, जिसके पीछे सरकारी नीतियां और बहुसंख्यक समुदाय की बदमाशी बड़ा कारण है। अनुच्छेद 370 हटने से पहले भी बहुसंख्यक समुदाय के दवाब में जम्मू-कश्मीर के सिखों को रोजगार और नौकरी के मामले में उपेक्षा का जीवन जीना पड़ा है। जबकि कश्मीर के भारत का अटूट हिस्सा बने रहने के पीछे सिखों की कुर्बानियों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। यदि अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर आते हैं, तो 36 सिखों का एक ही दिन कत्लेआम किया जाता है, ताकि कश्मीर समस्या को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाया जा सके।
जीके ने सवाल किया कि आतंकी घटनाओं के बावजूद सिखों ने कश्मीरी पंडितों की तरह घाटी नहीं छोड़ी, बदले में सिखों को क्या मिला ? कश्मीरी पंडितों की घाटी में जायदादें भी कायम रहीं और सरकारों से मोटे राहत व पुनर्वास पैकेज भी मिलें। प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर स्कूलों-कालेजों व नौकरी में आरक्षण कश्मीरी पंडितों को मिला। सिखों के धर्म स्थानों की जमीनों से लेकर बेटियां तक कश्मीर में सुरक्षित नहीं है। इसी तरह अनुच्छेद 370 हटने के बाद पंजाबी भाषा भी राज्य की दूसरी अधिकृत राजभाषा नहीं रहीं। भाषा-संस्कृति से लेकर धार्मिक आजादी की आफ़त को क्यों ना नस्ली सफाई के तौर पर परिभाषित किया जाए ? जीके ने कहा कि चूंकि अब जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार का सीधा दखल है। इसलिए कश्मीरी सिखों की सभी जायज़ मांगों को स्वीकार किया जाए और सिख बेटियों के निकाह के मकसद से होते धर्मांतरण को रोकने के लिए केंद्र सरकार राज्य में अध्यादेश लेकर आए जो निकाह के लिए होने वाले धर्मांतरण पर रोक लगाए।
जीके ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में माना कि घाटी में धर्मांतरण की घटनाओं को बढ़ाने की साज़िश का जिम्मेदार पाकिस्तान भी हो सकता है, क्योंकि कश्मीर की शांति पाकिस्तान को अखरती है। जीके ने बताया कि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने पुरे मामले को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने रखने के बाद मामले को संजीदगी से हल करने का भरोसा दिया है। इस मौके निगम पार्षद परमजीत सिंह राणा, जागो के मुख्य महासचिव परमिंदर पाल सिंह,
जागो के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चमन सिंह, जागो के नेता हरविंदर सिंह, बख़्शिश सिंह, भाजपा के दिल्ली प्रदेश सचिव इम्प्रीत सिंह बख्शी, भाजपा नेता कुलदीप सिंह, जसप्रीत सिंह माट्टा तथा जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य चरणजीत सिंह मौजूद थे।