दिल्ली मे दैनिक भास्कर का पत्रकार निकला घटिया चुगलखोर
पत्रकारिता जगत मे बदलाव तो जरूरी है लेकिन दैनिक भास्कर के अपने आप को रिपोर्टर कहने वाले P K Chaurasia जैसा बदलाव तो पत्रकारो के बीच मे जहर घोल रहा है ये व्यक्ति खुद तो दैनिक भास्कर मे समाचार छपवाने का पैसा वसूली करता है और दूसरे जिन्हे ये जानता नही है उन पत्रकारो को फ़र्ज़ी बता कर ये उनकी बेइज़्ज़ती करता है और ये एक जगह नही इसे कई जगह समाचार छापने के लिए पैसे लेते देखा गया है. P K Chaurasia की क्या मजबूरी है पैसा माँगने की! यदि ये व्यक्ति असली पत्रकार है तो पत्रकार की गरिमा पर ठेस क्यों पहुँचाता है क्या इस घटिया चुगलखोर और इस बेइमान बेअक्ल P K Chaurasia को इतनी भी अक्ल नही है कि अपनी खुशी से उपहार देने वाले व्यक्ति को पत्रकारो के विषय मे चुगली करके पत्रकारिता को ठेस पहुँचाता है
यह दैनिक भास्कर प्रसिध्द संस्थान है इसके रिपोर्टर को क्या जरूरत है समाचार छपवाने के लिये पैसा मांगने की!
एक निज़ी साप्ताहिक/मासिक / दैनिक या यूट्यूब चैनल/वेब पोर्टल पर समाचार चलाने वाले व्यक्ति की कमाई ही समाचार और निज़ी विग्यापनो से है वो भी जेब से ही होता है नही तो कोई न कोई पार्टी भी सपोर्ट कर देती है निज़ी पत्रकारो की मजबूरी organizer भी जानता है लेकिन P K Chaurasia जैसा टेढा मेढा चुगलखोर पत्रकारिताहीन व्यक्ति पत्रकारिता की गरिमा को ठेस पहुँचा रहा है यदि जो असली पत्रकार उसे जानता हो तो क्रपया उसे पत्रकारहीनता की जानकारी देकर पत्रकारिता की गरिमा को बचाए ताकि पत्रकार सम्मेलन करने वाले संगठन पत्रकार की गरिमा को समझे. यदि फ़िर भी चुगली करे तो क्यों न दैनिक भास्कर के उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत कर दी जाए ताकि दैनिक भास्कर की साख को दिल्ली में बिगड़ने से बचाई जा सके.