गाज़ियाबाद मे प्रदूषण रोकने में प्रशासन नाकाम
सुनील मिश्रा नई दिल्ली : 12 नवम्बर 2021,20 बी,राजेन्द्र नगर इंडस्ट्रीयल एरिया,मोह्नगर, गाज़ियाबाद,मुख्यालय , कोरवा – यूपी - आज यहाँ गाज़ियाबाद में बढ़ते हुए प्रदूषण का गंभीर संज्ञान लिया गया | प्रतिदिन अखबार में खबरे आ रही है की गाज़ियाबाद देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है | प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड लेता है की हमने कई फेक्टरियों पर जुर्माना लगाया है |
गाज़ियाबाद का प्रदूषण कम करने के लिए हमने निम्नलिखित दो सुझाव एक बार नहीं बल्कि दस बार प्रशासन को दिए है | दुर्भाग्य का विषय है की प्रशासन ने न तो कोई संज्ञान लिया और न ही हमे संयुक्त बैठक करने के लिए बुलाया गया |
1. उद्योगों के ई टी पी के आकस्मिक निरक्षण की अनुमति सिविल सोसाइटी को दी जाए :- अधिकतर उधोग अपने Effluent को चोरी छुपे रात में रिवर्स बोरिंग करके अपनी ही चार दिवारी के बीच जमीन में डंप कर देते है |यद्धपि अधिकतर उद्योगों ने ई टी पी ( एफ़्लुएन्ट ट्रीटमेंट प्लांट ) लगा रखे है परन्तु उनको चलाते नहीं हैं क्योंकि चलाना उतना ही महंगा है जितना लगाना | प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास इतने आदमी नहीं है की वो ये चेक कर सकें की सभी ई टी पी चल रहे हैं या नहीं | इसलिए सिविल सोसाइटी को आकस्मिक निरिक्षण करने की अनुमति देने मात्र से ही उद्योगों के प्रदूषण फैलाने पर अंकुश लगना प्रारम्भ हो जायेगा |
2. वर्टिकल गार्डनिंग – मेट्रो पिलर्स और फ्लाई ओवर पिलर्स पर वर्टिकल गार्डनिंग द्वारा लगाया गया , छोटा सा पौधा वाहनों के एग्जोस्ट पाइप के सामने होने के कारण जितना प्रदूषण सोख सकता है उतना 500 मीटर दूर लगा हुआ नीम का पेड़ नहीं सोख सकता | मेक्सिको के एक प्रयोग में एक चार मंजिला इमारत पर की गई वर्टिकल गार्डनिंग से 25 टन टोक्सिक गैस और 15 किलो पी एम 2.5 खत्म हो गया था एक साल में | ध्वनी प्रदूषण भी 15 डेसिबल कम हो गया था | अब कल्पना कीजिये की यदि सरकारी भवनों पर वर्टिकल गार्डनिंग कराई जाये तो गाज़ियाबाद का प्रदूषण स्तर नियंत्रण में आने लगेगा | ऊपर दोनों उपायों में कोई रोकेट साइंस नहीं है और इनके परिणाम आने में 30 दिन से अधिक का समय भी नहीं लगेगा |
पवन कौशिक, कर्नल तेजेंद्र पल त्यागी , वीर चक्र जय दीक्षित