केजरीवाल का विकास मॉडल शराब, झूठे वायदों एवं विज्ञापनों पर अधारित- नेहा शालिनी दुआ


सुनील मिश्रा नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नेहा शालिनी दुआ ने कहा कि साल 2020 में आज ही के दिन जब केजरीवाल सरकार तीसरी बार दिल्ली की सत्ता संभाली तो लोगों से और अपने घोषणापत्र में 28 प्रकार के वायदें किए थे, लेकिन आज उन वायदों में से एक भी वायदा अगर पूरा किया गया हो तो बताए। केजरीवाल ने युवाओं, महिलाएं, सफाईकर्मचारी, किसान सभी से जो कुछ भी वायदा किया था, उसे आज तक पूरा नहीं कर पाए हैं। 

भाजपा नेत्री ने कहा कि साल 2020 में केजरीवाल ने दिल्ली के युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन आज शराब नीति लाकर युवाओं को शराब के लत में धकेल रहे हैं। महिला सुरक्षा की बात करने वाले केजरीवाल आज महिलाओं को शराब पीना सिखा रहे हैं और उन्हें शराब खऱीदने पर विशेष छूट की व्यवस्था कर रहे हैं। ऐसा करके केजरीवाल क्या साबित करना चाहते हैं कि दिल्ली की महिलाएं शराब अधिक पीती हैं?
उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा, स्ट्रीट लाइट्स, बस मार्शल के साथ-साथ मोहल्ला मार्शन की भी व्यवस्था करने का वायदा केजरीवाल कर चुके हैं लेकिन आज बसों में महिला मार्शल तो दूर सड़कों पर चलने वाली बसों की उम्रसीमा तक खत्म हो चुकी है लेकिन केजरीवाल को डीटीसी के अंदर 60,000 करोड़ रुपये के लूट घोटाला करने से फुर्सत ही नहीं है। पिछले सात सालों में प्रदूषण मुक्त दिल्ली एवं यमुना सफाई की रट लगाते रहे, लेकिन आज दिल्ली का प्रदूषण हो या फिर यमुना की गंदगी दोनों पहले से बदतर स्थिति में हैं।  

श्रीमती दुआ ने कहा कि अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने की बात भी साल 2020 में केजरीवाल ने की थी लेकिन आज अनुकंपा के आधार पर 700 नियमित हुए कर्मचारियों को अनुबंधित बताकर भ्रम फैलाने का काम केजरीवाल कर रहे हैं। इनका विकास मॉडल विगत दो सालों का यही है कि दिल्ली में विद्यालय, रिहायशी इलाके, मंदिरों, गुरुद्वारों के पास शराब के ठेके खोलवाने का काम किया जा रहा है। शराब माफियाओं के साथ सांठगांठ कर 21 दिन ड्राई डे को घटाकर 3 दिन कर दिया गया ताकि इन 18 दिनों में करोड़ों रुपये का बिकने वाला शराब का सीधा फायदा शराबमाफियाओं तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि जन लोकपाल बिल लाने की बात करने वाले केजरीवाल ने पिछले सात सालों में डीटीसी बस घोटाला, जलबोर्ड घोटाला, शराब नीति घोटाला एवं बिजली चोरी कर दिल्ली को बर्बाद करने में एक भी कसर नहीं छोड़ा है। केजरीवाल सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलिवरी करने की बात तो कर दी थी लेकिन पिछले सात सालों में एक भी राशनकार्ड बनाने की जहमत नहीं उठाई और यही कारण है कि अभी तक 16 लाख से ज्यादा राशन कार्ड के आवेदन लंबित पड़ी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दिल्ली में लागू न करके केजरीवाल ने प्रदेश के लगभग 72 लाख कार्डधारियों तक केंद्र सरकार की मुफ्त राशन का लाभ नहीं पहुंचने दिया।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ व्यवस्था की बड़ी-बड़ी बात करने वाले केजरीवाल का दावा कोरोना काल में पूरी तरफ फेल साबित हुआ जब दिल्ली के लोग कोरोना जांच सुविधा, अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन के लिए भटकते रहे, चिखते रहे, चिल्लाते रहे। मोहल्ला क्लीनिक जिसको बताकर दूसरे राज्यों में झूठ फैला रहे हैं एक कोरोना जांच के भी काम नहीं आ सका। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में काम को लेकर केजरीवाल इतने गंभीर हैं कि विगत दो वर्षों में ही नहीं बल्कि सात सालों में एक भी नया स्कूल या कॉलेज नहीं बनवाया। 500 नए विद्यालय का वायदा कर सात सालों में 16 चल रहे विद्यालयों को बंद करवा दिया गया। 12 कॉलेज के कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिलने से वे सड़कों पर हैं।

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