जाति के विनाश और समतामूलक समाज की स्थापना के लिए युवा आगे आएं" :आकाश आनंद, (बसपा राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर)
सुनील मिश्रा नई दिल्ली : बाबा साहब की अमर कृति "जाति का विनाश" के 86वें प्रकाशन वर्ष पर बीएचयू के एनिबिसेन्ट सभागार में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जहाँ मुख्य अतिथि बसपा के नेशनल कोआर्डिनेटर
मा. आकाश आनंद आज कला संकाय बीएचयू के उस प्रांगण में गये जहां बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर ने 25 नवंबर 1956 में छात्रों व शिक्षकों को संबोधित किया था।आज 15 मई को बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखित "Annihilation of Caste जाति के समूल विनाश" के प्रकाशन दिवस पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में माननीय आकाश आनंद जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कर्मठ बहुजन शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने जातिवाद के कारण उत्पीड़न और दमन के शिकार लोगों की मुक्ति और समतामूलक समाज की स्थापना हेतु युवाओं को बहुजन आंदोलन से जुड़ने तथा इसके निदान हेतु प्रोफेसर्स से देश के युवाओ का मार्गदर्शन करने का आह्वान किया। गोष्ठी को प्रो. आर के गौतम, प्रो बी राम, प्रो. जेबी कुम्हरैया, प्रो. एस के राव, प्रो. नवरत्न आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएचयू बहुजन इकाई के संरक्षक प्रोफसर महेश प्रसाद अहिरवार जी ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो अहिरवार ने कहा कि "युवाओं को हिंसक और तोड़फोड़ के प्रक्रिया से दूर रहते हुए लोकतांत्रिक ढंग से बहुजन समाज पार्टी के बैनर तले अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी और बहुजन आंदोलन को शसक्त करना होगा।"
स्वागत भाषण में रवींद्र प्रकाश भारतीय ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की बदलती हुई सामाजिक आर्थिक दशाओं में काम करना होगा. आकाश आनंद जी युवाओं की आकांक्षा,कर्मठता और प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं।"
संचालन एम्स बीएचयू के प्रो. बृजेश अस्थावल ने किया तथा आभार ज्ञापन डॉ.रविन्द्र गौतम(बीएचयू बहुजन अध्यक्ष) ने किया। उक्त अवसर पर बीएचयू, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, बसन्त कन्या महाविद्यालय, विमेन कालेज राजघाट आदि के शिक्षकों एवं छात्रों ने भाग लिया बीएचयू की विचार गोष्ठी में समापन के बाद बसपा के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर मा. आकाश आनंद ने संत रविदास मंदिर में जाकर मत्था टेका और पूजा अर्चना की। मंदिर के प्रबंधक एवं संत समाज द्वारा उन्हें सरोपा भेंट कर मंदिर प्रसाद देकर आशीर्वाद प्रदान किया।