दिल्ली सरकार के 05.08.22 के आदेश ने EWS/DG कैटगरी के बच्चों के भविष्य डाला अधर में

सुनील मिश्रा नई दिल्ली : 
पब्लिक स्कूलो के कोआर्डिनेशन कमेटी के तत्वावधान मे पीड़ित EWS/DG कैटेगरी के अभिभावक एवं पीड़ित बज़ट प्राइवेट स्कूलो के पदाधिकारियो ने मिलकर आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया इस प्रेस वार्ता मे शिक्षा निदेशालय दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के सारे मान्यता प्राप्त निज़ी विद्यालयो मे पिछले सात सालो से पढने वाले 2nd और ऊपर की क्लासेस के छात्रों का आफ़लाइन एड्मीशन लिये जाने के बाद 5 अगस्त 2022 को एक आदेश पारित कर उन सभी बच्चों के प्रवेश रद्द कर दिल्ली सरकार ने उन्हे वैध मानने से इन्कार कर दिया है सारे एडमीशन निरस्त कर दिये. जब कि दिल्ली सरकार पब्लिक स्कूलो को आनलाइन एडमीशन लेने के बाद खाली पडी सीटो पर  आफ़लाइन एडमीशन लेने का आदेश हर साल देती रही है और 
समय समय पर विभागीय अधिकारियो द्वारा वैरिफ़ाई भी कराती रही है लेकिन दिल्ली सरकार ने केवल एडमीशन निरस्त ही नहीं किये बल्कि निज़ी विद्यालयो को RTE Act 2009 के अनुसार आफ़लाइन एडमीशन का Reimbursement पैसा भी देने से इन्कार कर दिया है. 
सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने इसे न केवल EWS/DG की सीटो की कटौती बल्कि इसे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बताया है.  दिल्ली इकोनोमिक सर्वे के अनुसार, दिल्ली सरकार के बच्चों पर सन 2016-17 मे  50812/- खर्च होते थे और अब 2020-21 में 78082/- रुपये खर्च करती थी लेकिन निज़ी विद्यालयो को केवल 26000/- रुपये देती थी इसमे न केवल बच्चों के भविष्य बल्कि विद्यालयो का भी आर्थिक नुक्सान होता था जो कि दिल्ली सरकार RTE Act 2009 के नियम 12 अनुच्छेद 2 का उल्लंघन करती है. 
विद्यालयो के बच्चों के अभिभावक, विद्यालय संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अन्य पदाधिकारियो की मौजूदगी मे सांसद ने कहा कि दिल्ली सरकार आफ़लाइन बच्चों की शिक्षा और भविष्य सुनिश्चित करते हुए 05.08.22 के आदेश को पत्र को निरस्त करे नही तो EWS /DG कैटगरी के परिवार के  बच्चों को पब्लिक स्कूल मे पढाना सपना ही रह जाएगा.

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