EPS-95 पेंशनभोगियो को पीएम मोदी द्वारा दिया गया न्याय का भरोसा, श्रम मंत्री को भी दिये पत्र से भी नही हुई कार्यवाही करेंगे देशव्यापी आंदोलन
सुनील मिश्रा नई दिल्ली :
राष्ट्रीय आंदोलन समिति(एनएसी) के सदस्यों ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों द्वारा लंबे समय से उठाई गई मांगों में देरी का हवाला देते हुए प्रेस क्लब, नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता की और 1अगस्त, 2022 से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री और श्रममंत्री के वादों के बावजूद देरी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए देश भर के सैकड़ों सदस्यों ने दिल्ली में सम्मेलन करके राष्ट्रीय आंदोलन समिति के संयोजक ने श्रम एवं रोजगार मंत्री को पत्र भी लिखा। पेंशनभोगियो की मांग हैं कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500/- रुपये और डीए किया जाए। अन्य 3 मांगें हैं: ईपीएफओ के पत्र अधिसूचना के अनुसार सभी ईपीएस 95 पेंशनरों को उच्च पेंशन का विकल्प, सभी ईपीएस 95 पेंशनभोगियों और उनके पति / पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए, और ईपीएस 95 सेवानिवृत्त कर्मचारी जो ईपीएस 95 योजना के सदस्य नहीं हैं, उन्हें वसूली करके कार्योत्तर सदस्यता की अनुमति दी जानी चाहिए। ब्याज सहित योगदान और उन्हें उनके देय बकाया की अनुमति देना अन्यथा उन्हें पेंशन के रूप में निश्चित रु.5000/- प्रतिमाह प्रदान किया जाए। अशोक राउत ने विरोध प्रदर्शनों का रोडमैप साझा करते हुए बताया कि 1 अगस्त से 7 अगस्त 2022 तक पूरे देश में तालुका, जिला, राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार के आंदोलन होंगे। 01 अगस्त से 07 अगस्त 2022 तक नई दिल्ली में सीपीएफसी कार्यालय के सामने श्रृंखलाबद्ध तरीके से भूख हड़ताल की जाएगी। उन्होंने सीपीएफसी कार्यालय के सामने 07 अगस्त 2022 से 'उपवास' रखने का संकल्प लिया है। 08 अगस्त को देशभर के लाखों पेंशनभोगियों द्वारा रामलीला मैदान नई दिल्ली में प्रदर्शन/रास्ता रोको का आयोजन करेंगे। एनएसी के चीफ, कमांडर अशोक राउत ने मीडिया से कहा, "ईपीएफओ पेंशनभोगियों के खिलाफ चाल चलकर सीबीटी सदस्यों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। हम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले लेकिन हजारों वृद्ध पेंशनरों का भाग्य अधर में लटका हुआ है। आज बुलढाणा महाराष्ट्र स्थित एनएसी मुख्यालय में 24 दिसंबर 2018 से महिलाओं सहित सैकड़ों वृद्धावस्था पेंशनभोगी भूख हड़ताल पर हैं। आज इस चेन भूख हड़ताल का 1317 वां दिन है। आज एनएसी के नेता श्री एम.एल.काले और श्रीमती शोभा ताई आरस भूख हड़ताल कर रहे हैं। यह खेदजनक और निराशाजनक है कि हमारे प्रिय और माननीय प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व में दो बार किए गए वादे अभी तक श्रम मंत्रालय द्वारा पूरे नहीं किए गए हैं।"उन्होंने आगे कहा, "भारत सरकार अन्य पेंशन योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के बाबजूद ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के साथ सौतेले व्यवहार से पेंशनरों में गुस्सा चरम पर है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) संघर्ष कर रही है। पिछले 5 वर्षों से एनएसी की चार सूत्रीय मांगों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है,
हमारे सदस्य दिन-ब-दिन दुनिया से जा रहे हैं, इसलिए आज की सीबीटी बैठक में सीबीटी के प्रस्ताव को स्वीकार करें और हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। उच्च पेंशन के मामले में उच्चतम न्यायालय के दिनांक 04.10.2016 के निर्णय के आधार पर ईपीएफओ के दिनांक 23.03.2017 के पत्र के बाद भी पेंशनभोगी अपना हक नहीं दे रहे हैं और पेंशनभोगियों को फिर से अदालतों में जाने के लिए कहा जा रहा है। ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को 2000 रुपये मासिक चिकित्सा भत्ता प्रदान कर पेंशनभोगियों को चिकित्सा सुविधा से वंचित किया जा रहा है।