भारत में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी सभा का आयोजन
सुनील मिश्रा नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की छठी सभा भारत सरकार के बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राज कुमार सिंह आईएसए की अध्यक्षता के रूप में की। सभा में 20 देशों के मंत्रियों और 116 सदस्य और सिग्नेटरी देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर राज कुमार सिंह ने कहा कि "वैश्विक आबादी का लगभग 80 प्रतिशत आबादी जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भर हैं। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में 2030 तक दुनिया की कुल बिजली का 65 प्रतिशत आपूर्ति करने और 2050 तक बिजली क्षेत्र के 90 प्रतिशत को डीकार्बोनाइज करने की क्षमता है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सदस्य देशों के लिए सौर ऊर्जा को ऊर्जा स्रोत बनाने, निवेश को आकर्षित करने और बढ़ती वैश्विक मांगों को पूरा करने, पर्याप्त ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता में दृढ़ है। इस दिशा में, आईएसए अपने वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) तंत्र के माध्यम से प्रति देश प्रति परियोजना 150,000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्रदान कर उनकी संबंधित परियोजनाओं की क्षमता और जरूरतों के आधार पर परियोजना लागत के 35% तक बढ़ाने का निर्णय लिया लिया है।"
सभा की सह-अध्यक्षा, फ्रांस की विकास, फ़्रैंकोफ़ोनी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री महामहिम सुश्री क्रिसौला ज़ाचारोपोलू ने कहा कि "फ्रांस के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन स्वच्छ ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने तथा हमारे गठबंधन के लिए पूरी भूमिका निभा रहा है। फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) के माध्यम से, हमने 2016 से 1.5 बिलियन यूरो से अधिक मूल्य की सौर परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है। पिछले साल, हमने अपने भागीदारों को जलवायु वित्त में 7.5 बिलियन यूरो से अधिक प्रदान किया है।“
असेंबली आईएसए की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है। यह निकाय आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले समन्वित कार्यों से संबंधित निर्णय लेता है। आईएसए की सीट पर मंत्री स्तर पर विधानसभा की सालाना बैठक भी होती है।